लखनऊ| प्रतापगढ़ में तैनात इंस्पेक्टर अनिल सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच सीबीआई की क्राइम ब्रांच को दे दी गई है. माना जा रहा है कि सीबीआई जल्द प्रतापगढ़ में घटनास्थल का मुआयना कर जांच की शुरुआत करेगी.
प्रतापगढ़ में कुंडा सीओ जियाउल हक हत्याकांड से चर्चा में आए राजा भैया अब एक और पुलिसकर्मी की हत्याकांड से चर्चा में हैं. प्रतापगढ़ में तैनात इंस्पेक्टर अनिल सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. अनिल सिंह की पत्नी ने प्रतापगढ़ के तत्कालीन पुलिस अफसरों के साथ राजा भैया पर अपने इंस्पेक्टर पति को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर ली है और सीबीआई की लखनऊ यूनिट की स्पेशल क्राइम ब्रांच को जांच दे दी गई है.
बता दें 19 नवंबर 2015 को प्रतापगढ़ के होटल वैष्णवी में इंस्पेक्टर अनिल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अनिल सिंह होटल वैष्णवी में ही रुके थे. होटल में नीचे लड़कों के बीच मारपीट की आवाज सुनाई दी तो अनिल सिंह नीचे पहुंचे और जहां पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने अनिल सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी.
इस मामले में इंस्पेक्टर की पत्नी आरती ने आरोप लगाया क्योंकि पति की हत्या में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और प्रतापगढ़ के तत्कालीन एसपी के इशारे पर हत्या की गई है. आरती ने अपने इस शक की वजह भी बताई. हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की अपील के दौरान बताया गया कि सस्पेंड चल रहे अनिल सिंह को एसपी प्रतापगढ़ ने फोन कर सस्पेंशन खत्म करने के लिए बुलाया था, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई.
आरती ने आरोप लगाया कि हत्या के वक्त इलाके के इंस्पेक्टर बलिराम मिश्रा मौजूद थे और इंस्पेक्टर की मौजूदगी में गोली मारने वाले दोनों शूटर फरार हो गए. हाईकोर्ट में की गई सीबीआई जांच की सिफारिश में आरती ने साफ कहा उनके पति के व्हाटसएप चैट से खुलासा हुआ कि अनिल सिंह को रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया परेशान कर रहे थे. राजा भैया के इशारे पर अनिल सिंह ने गैर कानूनी काम करने से इनकार किया था. जिसका खुलासा अनिल सिंह के मोबाइल फोन के व्हाटसएप से एक पुराने साथी को भेजे व्हाटसएप मैसेज में किया था. चर्चा है कि राजा भैया के मनमाफिक काम न करने के चलते तत्कालीन एसपी ने अनिल सिंह को सस्पेंड किया था.
फिलहाल 22 मई को हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. सीबीआई ने लगभग 1 महीने बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि सीबीआई इस मामले में जल्द घटनास्थल का मुआयना करेगी और स्थानीय थाने के जीडी समेत तमाम दस्तावेजों पर भी नजर दौड़ाएगी.
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