नौगढ़| हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार और प्रशासन को वनाधिकार कानून के तहत दावों को लेने और उप खण्ड़स्तरीय समिति पर लम्बित दावों का निस्तारण कर आदिवासियों और वनाश्रितों को पुश्तेनी वनभूमि पर अधिकार देना चाहिए। यह मांग आज नौगढ़ पोखरे पर आदिवासी वनवासी महासभा की बैठक में स्वराज अभियान की राज्य समिति के सदसय दिनकर कपूर ने कही। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के साथ सभी सरकारों ने अन्याय किया है। कोल को आदिवासी का दर्जा नहीं दिया गया। जमीन पर अधिकार के लिए बने वनाधिकार कानून को विफल कर दिया गया। आज तक आदिवासी के लिए प्रदेश में एक लोकसभा की सीट आरक्षित नहीं है। भाजपा और आरएसएस की सरकारों ने तो आदिवासियों के अस्तित्व और अस्मिता दोनों पर चैतरफा हमला बोल दिया है। इसके विरूद्ध आज नई राजनीति की जरूरत है जो आदिवासियों के सम्मान व जीवन की रक्षा कर सके।उन्होंने कहा कि जैसे आदिवासियों के लिए विधानसभा सीट आरक्षित करायी गयी और वनाधिकार कानून के अनुपालन के लिए हाईकोर्ट से आदेश कराया गया उसी तरह कोल को आदिवासी का दर्जा व लोकसभा सीट के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा जायेगा। बैठक मे बोलते हुए मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कहा कि सरकार आदिवासियो. वनवासियो, के मिले अधिकार पर हमला कर रहा है इस कानून का उल्घन कर रही है !आज भी पुस्तैनी रुप से वसे लोगो को उजाड़ा जा रहा है जिसका हम लोगो को विरोध करना है। बैठक की अध्यक्षता मजदूर किसान मंच के संयोजक रामनरायण राम व संचालन रामेश्वर प्रसाद ने किया। बैठक में 22 अक्टूबर से नौगढ़ तहसील में वनाधिकार सहायता कैम्प लगाने और 31अक्टूबर को वनाधिकार सम्मेलन करने का निर्णय हुआ।बैठक में स्वराज अभियान के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दिनकर कपूर मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय के अलावा घोरावल प्रभारी मनोज कुमार, रहीमुदीन, शेरे अलि, रामसकल, राम सखी विश्वकर्मा, रामविलास, गंगा चेरो, विघावती देवी, रामनरायण, किसोरी अशोक यादव, श्यामलल्ली, जोगी रामजियावन, गुलाव, मंगरु, रेशमा देवी चन्द्रिका अमेरिका, जवाहीर रामप्रसाद, जैयराम लालवरत, फुलचन्द सहित सैकडो लोग शामिल रहे।
Donation Appeal
द क्रिटिकल मिरर से जुडने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. ये आपकी और हमारी आवाज है. इस आवाज़ को बुलंद रखने के लिए हमारी मदद करे: