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राज्यों

संघर्ष और बलिदान का प्रतीक हैं दादा: राज वसावा

अहमदाबाद| पिछले 47 सालो से मनुवादियों, सामंतवादियों, जमींदारों, जागीरदारों और आदिवासी, पिछडे समाज का शोषण करनेवालो से जंग लड रहे संघर्ष और बलिदान का प्रतिक हैं छोटुभाई वसावा. राज वसावा ने बताया कि शांत स्वाभाव के कम बोलने वाले छोटुभाई वसावा के दरबार में हर रोज लोगों को न्याय मिलता है. विधायक छोटुभाई के वजह से गुजरात के आदिवासी समाज को गुजरात पेटनॅ (अलग बजट) योजना, नमॅदा डेम विस्थापितों को जमीन, पेसा एक्ट की अमलवारी, अनुसुचि 5 और 6 की जानकारी, संविधान की जानकारी मिली और हमने हक़ के लिए लड़ने की ताकत मिलती है.

यही वजह हैं कि लगातार 6 वीं बार गुजरात विधानसभा के विधायक हैं. एक बार संसदीय सचिव बन चुके छोटुभाई शंकरसिंह वाघेला को मुख्यमंत्री पद दिलाने के लिए और अहमद पटेल को राज्य सभा भेजने के लिए किंग मेकर की भूमिका निभाने वाले और लाखो आदिवासी, दलित, अन्य पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समुदाय केरहबर कहलाने वाले नेता हैं.

राज ने आगे कहा कि निडर, बेखौफ, आदिवासी भगवान, आदिवासी मसीहा, कभी न हार मानने वाला और न जाने कितने उपनाम, उपाधि से सम्मानित होनेवाले इस नेता को गरीबों का मसीहा कहा जाता है.  गुजरात के भरुच जिले के मालजीपुरा गांव के वतनी, झगडीया विधानसभा के विधायक और हमारे आदरणीय और जरुरतमंदो के मसीहा जिनका जन्म आज के ही दिन हुआ था. राज ने कहा कि मैं छोटुभाई वसावा के बारे में ज्यादा तो नहीं जानता लेकिन उनके पास से जो कुछ भी सिखा है वो मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है.

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